स्पष्ट एक्सप्रेस ऑनलाइन
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खबर01
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रावण सिर्फ त्रेता का नहीं, आज का भी है : शिक्षक नरेन्द्र खुराना
ऋषिके, 02 अक्टूबर 2025: विभिन्न संस्थाओं से जुड़े नि:शुल्क मीडिया प्रभारी एवं कॉमर्स विषय में अपनी एक अलग ही मुकाम हासिल कर छात्र छात्राओं के बीच कॉमर्स विषय की ललक जगाने वाले ओर उनको एक मुकाम हासिल करने वाले अनेकों सम्मानों से सम्मानित शिक्षक खुराना ने कहा कि रावण केवल त्रेता युग का पात्र नहीं है, आज भी समाज में अहंकार, ईर्ष्या, लोभ और भ्रष्टाचार जैसे अनेक रूपों में रावण जीवित है। सच्चा उत्सव तभी है जब हम अपने अंदर के रावण को पराजित करें और सत्य, नैतिकता व धर्म के मार्ग पर चलें।
खुराना ने आगे कहा कि यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि सत्य की सदैव विजय होती है और अधर्म, चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः पराजित होता है।
आज के रावण को मारने के लिए हमें ज्ञान,बुद्धि ,विवेक संघर्ष ओर संयम से अपने कार्य को ईमानदारी से करने की सलाह भी दी है।
साथ ही उन्होंने सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और समाज के लोगों को विजयादशमी की मंगलकामनाएँ देते हुए प्रेरणा दी कि “हम सब मिलकर शिक्षा, संस्कृति और मानव सेवा की मशाल जलाए रखें, यही वास्तविक धर्म है।”
एवं आज राष्ट्रीय स्वयं सेक संघ के सौ वर्ष पूर्ण,लाल बहादुर शास्त्री व गांधी जयंती की शुभकामनाएं प्रेषित की है।
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दशहरा पर्व पर "पर्यावरण विमर्श" का आयोजन एवं सहजन के पौधों का रोपण
देहरादून, 02 अक्टूबर 2025: दशहरा (विजयादशमी) पर्व पर नेहरू ग्राम में प्रसिद्ध पर्यावरणीय विधि विशेषज्ञ श्री आर.सी. मेहता जी के निवास पर एक 'पर्यावरण विमर्श' का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पर्यावरण के लिए कार्य करने वाले तथा गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार, रैमन मैग्सेसे पुरस्कार, पद्मश्री सम्मान आदि से सम्मानित श्री आर सी मेहता जी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्य बिना सामाजिक सहभागिता के सफल नहीं होता तथा पर्यावरण के प्रति कार्य करने वाले सभी लोगों को एक साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों में कार्य करना चाहिए। इन कार्यों में समाज के लोगों का जुड़ना बहुत आवश्यक है तभी यह कार्य सतत रूप से जारी रह सकेगा।
वैज्ञानिक एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों से जुड़े डॉ भवतोष शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि आज विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है और इस अवसर पर हम सभी को पर्यावरण प्रदूषण की बुराई पर पर्यावरण संरक्षण जैसे सकारात्मक कार्यों से जुड़ना है और आने वाले भविष्य को भी सुरक्षित बनाने के लिए युवाओं को भी इस कार्य से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि आज प्रकृति के पंच महाभूतों में संतुलन बनाए रखने के लिए हम सभी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
पर्यावरण प्रेमी एवं शिक्षक डॉ शंभू प्रसाद नौटियाल पर्यावरणविद ने कहा कि मानव जीवन में पर्यावरण का विशेष महत्व है और पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों में औषधीय पौधों का रोपण विशेष भूमिका निभा सकता है। इस कार्य में विद्यार्थियों एवं आम जनमानस की सहभागिता बहुत अवशयक है। उन्होंने कहा कि दुर्लभ औषधीय पौधों का संरक्षण किया जाना चाहिए ।
इस अवसर पर सभी के सहयोग से नेहरू ग्राम में सहजन के 11 पौधे (Moringa) लगाए गए तथा सहजन के 40 पौधे मीडावाला स्थित ईको आश्रम में लगाए गए।
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