स्पष्ट एक्सप्रेस 08 सितंबर 2025

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प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा "स्वर्णिम भारत के निर्माण में शिक्षक की भूमिका" विषय पर प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजित 
स्पष्ट एक्सप्रेस।
आईडीपीएल ऋषिकेश, 07 सितंबर 2025: प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा "स्वर्णिम भारत के निर्माण में शिक्षक की भूमिका" विषय पर एक प्रेरणादायी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ मुख्य अतिथि वीके ढौंडियाल (जिला शिक्षा अधिकारी, देहरादून) एवं विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र कुमार पांडेय (पूर्व प्राधानाचार्य एवं निदेशक, राज चिल्ड्रेन अकादमी, जिला अध्यक्ष - विश्व हिंदू परिषद) की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
     ऋषिकेश केंद्र की मुख्य संचालिका राजयोगिनी बीके आरती दीदी जी ने ॐ की ध्वनि व मेडिटेशन द्वारा लोगो को शान्ति की अनुभूति करवाई। अपने उद्बोधन में बताया कि शिक्षक समाज के निर्माणकर्ता होते हैं और उनके नैतिक मूल्यों से ही राष्ट्र का भविष्य आकार लेता है। बच्चों के पहले शिक्षक उनके माता-पिता होते हैं।"
          शिक्षा हमें सिखाती है कि कैसे सभी का सम्मान किया जाए व जीवन को मूल्य आधारित बनाया जाए, लेकिन बच्चों को कुछ सिखाने से पहले, हमें स्वयं उन गुणों को अपने जीवन में अपनाना होगा। बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए हमें भी अपने जीवन से उन दुर्गुणों को निकालना होगा जब हमारे संस्कार दिव्य और शुद्ध होंगे, तब ही हम बच्चों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सकेंगे क्योकि "स्वयं का परिवर्तन ही विश्व परिवर्तन का आधार है।" हमारे सर्वोच्च शिक्षक शिव बाबा कहते हैं अब अपने संस्कारों को दिव्य बनाओ व स्वयं 'देने वाला देवता' बनो। यदि खुशी चाहिए तो दूसरो की गल्ती को क्षमा करना व स्वम की गल्ती पर क्षमा मागे तो जीवन मे सुख शान्ति बनी रहेगी। 
          मुख्य अतिथि वीके ढौंडियाल ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, शिक्षक वह मार्गदर्शक होता है जो अपने विद्यार्थी की गलतियों को क्षमा कर, उसकी कमियों को दूर कर उसे जीवन के शिखर तक पहुंचाने का कार्य करता है।"उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ मानव शरीर पाँच तत्वों से बना है, जबकि आत्मा सात गुणों से सुसज्जित होती है। ऐसे में शिक्षकों का यह कर्तव्य बनता है कि वे विद्यार्थियों को केवल संस्कार ही नहीं, बल्कि आत्मिक गुणों से भी परिपूर्ण करें। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकांश अभिभावक सभी निशुल्क सुविधाओं को छोड़कर, केवल अंग्रेज़ी सिखाने की होड़ में महंगे पब्लिक स्कूलों की ओर भाग रहे हैं, जबकि हिंदी हमारी प्राचीन एवं मुख्य भाषा है, जो जीवन को संस्कारी बनाती है।" इसके साथ ही उन्होंने ईश्वर द्वारा संचालित इस विशिष्ट विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा- "मैं आज इस ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आकर अभिभूत हूँ, जहाँ केवल साधारण पढ़ाई नहीं, बल्कि 'नर से नारायण' और 'नारी से लक्ष्मी' बनाने की शिक्षा दी जाती है।" अंत में उन्होंने भावुक होते हुए कहा- "मैं भी जल्द ही यहाँ प्रवेश लेकर यह अलौकिक शिक्षा प्राप्त करना चाहूँगा। 
          राजेन्द्र कुमार पांडेय ने कहा  कि प्राचीन भारत देश को आज बाहरी शक्तियाँ नहीं बल्कि आंतरिक कमजोरियाँ  अधिक नुकसान पहुँचा रही हैं। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का संचार करे, भारत को कमजोर करने वाली सनातन विरोधी शक्तिया हैं, परंतु भारत शीघ्र ही पुनः विश्व गुरु बनेगा।
      प्रेस रिपोर्टर राजीव खत्री ने कहा कि शिक्षक समाज की धुरी हैं।"वर्तमान समय में संस्कारों को प्रदान करने की नैतिक जिम्मेदारी अब शिक्षको पर आ गई है, क्योंकि परिवार संयुक्त से एकल हो गए हैं। बच्चे विद्यालय से लौटकर सीधे ट्यूशन क्लास के लिए चले जाते हैं और अधिक समय शिक्षक के संपर्क में रहते हैं। इसलिए आज शिक्षक न केवल ज्ञान देने वाले, बल्कि समाज को संस्कारित करने वाले प्रमुख स्तंभ बन गए है।       
          कार्यक्रम में 25 से अधिक प्राधानाचार्यो एवं शिक्षकगणों को संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही 180 से अधिक ब्रह्माकुमारी भाई-बहनों ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यक्रम का समापन जन गण मन व भारत माता के उद्धधोषो से हुआ।  
  ‌‌‌‌‌    इस अवसर पर कई सम्माननीय पत्रकार बंधु भी उपस्थित रहे, जिनमें पूर्व अध्यक्ष राजीव खत्री (अमर उजाला), मनोज रौतेला एव राजेश शर्मा (प्रधान टाइम्स) प्रमुख रूप से थे।
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श्री सत्यनारायण मंदिर में बैठक, क्षेत्र की समस्याओं पर हुआ मंथन
स्पष्ट एक्सप्रेस।
रायवाला, 07 सितंबर 2025: स्थानीय लोगों ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर रविवार को श्री सत्यनारायण मंदिर में बैठक का आयोजन किया। बैठक में डिग्री कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र, जल योजना की अनियमितताएं और रेलवे फाटक सहित कई मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में भगवती सेमवाल ने कहा कि क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक इंटर कॉलेज हैं, लेकिन डिग्री कॉलेज न होने से विद्यार्थियों को देहरादून, हरिद्वार और नरेंद्र नगर तक जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पूर्व में प्रतीतनगर ग्राम पंचायत कॉलेज के लिए भूमि का प्रस्ताव भी कर चुकी है। वहीं, ऋषिकेश का एकमात्र डिग्री कॉलेज पहले ऑटोनॉमस था, लेकिन सरकार ने उसका अधिकार छीनकर श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी के अंतर्गत कर दिया है।
          बैठक में रायवाला, प्रतीतनगर, गौहरीमाफी व गुमानीवाला क्षेत्र में हर घर जल नल योजना में आ रही गड़बड़ियों को भी प्रमुखता से उठाया गया। ग्रामीणों का कहना था कि इन क्षेत्रों को अर्द्ध नगरी दर्शाकर अधिक बिल वसूले जा रहे हैं।  
      इसके अलावा रायवाला में रेलवे फाटक का विकल्प तलाशने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रायवाला को उच्चीकृत करने की मांग भी उठी। लोगों ने सॉन्ग और सुसवा नदी के संभावित संगम से प्रतीतनगर, गौहरिमाफी और रायवाला गांवों पर मंडराते खतरे की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही जिलाधिकारी व पार्क निदेशक से मुलाकात करेगा।
          इस मौके पर अरुण प्रकाश बडोनी, शोभा रावत, देव पोखरियाल, केएस राणा, रवि कुकरेती, अलका क्षेत्री, दीपा चमोली, विवेक रावत समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।
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