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खबर01
दोषी कौन?
वन विभाग, NHAI, जिला पंचायत, ग्रामवासी मिलकर निकलें समाधान।
नेपाली फार्म, 30 मार्च 2025: हाईवे किनारे राजाजी नेशनल पार्क के अंतर्गत मोतीचूर रेंज में कूड़े का अंबार लगने लगा है।
नेपाली फार्म से तीन पानी की ओर जाते हुए ग्राम खैरी कलां स्थित कल्पतरु आश्रम के ठीक सामने हाईवे किनारे राजाजी नेशनल पार्क की मोतीचूर रेंज में फैला कूड़े का ढेर पार्क की भूमि को डंपिंग जोन में तब्दील कर रहा है। कूड़े के ढेर से राजाजी पार्क की दयनीय स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वन विभाग की टीम द्वारा यहां कभी गश्त नहीं लगाई जाती या फिर फ्री की रोटियां तोड़ रहा है वन विभाग।
राजाजी पार्क में फैले कूड़े के संबंध में रेंज अधिकारी महेश सेमवाल को कॉल करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।
नेपाली फार्म से तीन पानी तक हाईवे किनारे राजाजी नेशनल पार्क के अंतर्गत बेतहाशा कूड़ा फैला है, जिस पर शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
जहां पसरी रहती है गंदगी, वहां कोई नहीं लेता संज्ञान। पर्यावरण को पहुंचाया जा रहा है नुकसान।
मोतीचूर रेंज अधिकारी महेश सेमवाल से बात करने पर उन्होंने बताया कि कई बार जुर्माने की कार्रवाई भी की जा चुकी है, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
एनएचएआई के रोड मेंटिनेंस कॉन्ट्रैक्टर सर्वेश दत्त ने बताया कि हमारा काम कैरेजवे क्लीनिंग तक का है, या ज्यादा से ज्यादा सर्विस रोड तक हम लोग क्लीनिंग करते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि स्क्रैच बैरियर के पार लोग जंगल के अंदर तक कूड़ा फेंक देते हैं। वहां हम लोग एंटरफेयर नहीं कर सकते वो जंगलात क्षेत्र आ जाता है।
बहरहाल, इस समस्या के निस्तारण के लिए फॉरेस्ट, एनएचएआई, हाईवे से लगते हुए ग्राम के प्रधानों को ग्रामवासियों सहित व जिला पंचायत को मिलकर एक बैठक आयोजित करनी चाहिए और es संबंध में विचार विमर्श करना होगा। इसके अलावा संदिग्ध जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर सख्त कार्रवाई करनी होगी।
हालात जस के तस: खबर रविवार 01 मई 2022 की ।
खबर 02
गंगा स्वच्छता पखवाड़ा का समापन गंगा आरती जनकल्याण विश्व शांति के पावन उद्देश्य के साथ त्रिवेणी घाट में सम्पन्न
ऋषिकेश, 31 मार्च 2025: पण्डित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्व विद्यालय परिसर ऋषिकेश के नमामि गंगे प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन.एम.सी.जी.), जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में चलाए जा रहे हैं नमामि गंगा स्वच्छता पखवाड़ा 16 मार्च 31 मार्च का समापन गंगा आरती जनकल्याण विश्व शांति के पावन उद्देश्य के साथ त्रिवेणी घाट में सम्पन्न हुआ।
नमामि गंगे हर हर गंगे से त्रिवेणी घाट गूंज उठा इस दौरान बड़ी संख्या में श्री देव सुमन परिसर के छात्र-छात्राओं के अलावा बड़ी संख्या में पर्यटक स्थानीय नागरिक भी मौजूद रहे। आरती के दौरान गंगा माता की जय और भारत माता की जय के जय घोष भी गूंजे गंगा आरती के माहौल में माहौल अध्यात्मिक हो गया, छात्र-छात्राओं द्वारा विश्व शांति एवं उन्नति के लिए 108 दीप प्रज्वलित किए गए।
स्वच्छता पखवाड़े के दौरान गंगा स्वच्छता पर आधारित नुक्कड़ नाटक गंगा नहीं तो हम नहीं का विमोचन के द्वारा द्वारा कूड़ा प्रबंधन के फायदे और गीले एवं सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन का उपयोग करने की विधि एवं प्लास्टिक के थैले का उपयोग पूरी तरह बंद कर कपड़े के थैले के उपयोग पर बल, पोस्टर प्रतियोगिता निबंध प्रतियोगिता वाद विवाद प्रतियोगिता स्वच्छताअभियान हस्ताक्षरअभियान
नमामि गंगे परियोजना द्वारा गंगा की सफाई और पुनर्जीवन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मेरा संकल्प के अंतर्गत गंगा शपथ, गंगा स्वच्छता पर पेंटिंग प्रतियोगिता,क्विज प्रतियोगिता,गंगा प्रदूषण कारण एवं निवारण विषय पर भाषण प्रतियोगिता,गंगा भारत की आधारशिला विषय पर निबंध प्रतियोगिता,त्रिवेणी घाट में गंगा तटों की सफाई,श्रमदान किया इसके अलावा वृक्षारोपण कार्यक्रम, रंगोली प्रतियोगिता,गंगा स्वच्छता संदेश-जन जागरूकता रैली आदि का आयोजन स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत किया गया।
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खबर 03
लोकगायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण को भेंट किया गया ‘साईं सृजन पटल’ मासिक पत्रिका का आठवां अंक
डोईवाला, 31 मार्च 2025: उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक एवं जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण को ‘साईं सृजन पटल’ मासिक पत्रिका का आठवां अंक पत्रिका के उपसंपादक अंकित तिवारी द्वारा भेंट किया गया।
इस अवसर पर पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने पत्रिका की सराहना करते हुए कहा कि “साहित्य, संस्कृति और लोकपरंपराओं के संरक्षण एवं संवर्धन में ‘साईं सृजन पटल’ की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह मंच रचनाकारों को अपनी सृजनात्मकता को अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम प्रदान कर रहा है।”
पत्रिका के संपादक प्रो. (डॉ.) केएल तलवाड़ ने इस अवसर पर कहा कि “हमारा उद्देश्य साहित्य, संस्कृति और समाज के लिए एक सशक्त सृजन मंच तैयार करना है। यह पत्रिका न केवल रचनाकारों को जोड़ रही है, बल्कि समाज में साहित्यिक चेतना भी फैला रही है।”
उपसंपादक अंकित तिवारी ने कहा कि “साईं सृजन पटल’ नए और अनुभवी लेखकों को एक साथ लाकर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर देता है। यह पत्रिका साहित्यिक मूल्यों को सहेजते हुए समकालीन विषयों पर सार्थक विमर्श कर रही है।”
इस भेंट के दौरान आकाशवाणी की उद्घोषिका एवं गढ़वाली कवियत्री भारती आनंद, युवा अभिनेत्री अंशिका ने पत्रिका की साहित्यिक दिशा, भविष्य की योजनाओं और उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता पर भी चर्चा की गई।
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खबर 04
लेखक गांव का भ्रमण
भ्रमण से मनुष्य में सृजनशीलता का गुण विकसित होता है : डॉ संजय महर
ऋषिकेश, 31 मार्च 2025: भ्रमण से संस्कृति, पर्यावरण, इतिहास ,भूगोल का वास्तविक ज्ञान मिलता है, और वास्तविक ज्ञान से सृजनशीलता का गुण विकसित होता है। यह विचार देवभूमि उद्यमिता योजना राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र के नोडल ऑफिसर डॉ संजय महर ने लेखक गांव थानों में प्रशिक्षणार्थी छात्रों को संबोधित करते हुए व्यक्ति किये।
बताते चलें कि आज देवभूमि उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के दसवें दिन नरेंद्र नगर महाविद्यालय के प्रशिक्षणार्थियों को अकादमी और व्यावहारिक प्रशिक्षण के अंतर्गत लेखक गांव, थानों,देहरादून का भ्रमण कराया गया।
लेखक गांव में छात्र प्रशिक्षणार्थियों ने स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के अंतर्गत स्थापित लेखक कुटीर, हिमालयी रसोई,हिमालय ग्रंथालय, नक्षत्र वाटिका आदि का अवलोकन किया और उनके उद्देश्यों को जाना।
स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के मुख्य कार्य अधिकारी ओ पी बडोनी ने प्रशिक्षणार्थियों को लेखक गांव के परिचय और उद्देश्यों से रूबरू कराया। स्पर्श हिमालय अभियान के मुख्य प्रबंधक ईशान महंगाई ने सभी छात्रों को ऊर्जा के साथ कार्य करने का आह्वान किया। संस्थान के अन्य कार्मिक सेमवाल और नवानी ने छात्रों को पुस्तकालय, औषधीय एवं शोभाकर पौधों की जानकारी दी।
भ्रमण कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ आराधना सक्सैना, डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल एवं डॉ जितेंद्र नौटियाल ने भी अपने विचार प्रकट किए। नोडल अधिकारी डॉ संजय महर ने लेखक गांव भ्रमण में सहयोग के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय पर्यटन विभाग के डॉ सर्वेश उनियाल एवं स्पर्श हिमालय फाउंडेशन का आभार प्रकट किया है।
भ्रमण कार्यक्रम में महाविद्यालय के कार्मिक अजय पुंडीर, शिशुपाल रावत के अलावा बड़ी संख्या में प्रशिक्षणार्थी छात्रों ने भ्रमण कार्यक्रम को रोचक बना दिया। लेखक गांव के अलावा छात्रों ने स्थानीय भ्रमण कर वहां की सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति को जाना। इसके बाद छात्रों का दल नरेंद्र नगर वापस लौट गया।
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खबर 05
मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर 6वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन
ऋषिकेश, 31 मार्च 2025: मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर 6 वां दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुवल सम्मेलन स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मानसिक स्वास्थ्य कंसल्टिंग फाउंडेशन, स्पेक्स और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय के सहयोग से 30 व 31 मार्च 2025 को आयोजित किया गया।
निदेशक पेरिनेटल मानसिक स्वास्थ्य और स्पीकिंगक्यूब की सलाहकार मनोवैज्ञानिक मेजर अनुपा कैरी, ने सत्र का स्वागत भाषण दिया।डॉ. शांत कुमार नेगी ने सभी संवेदनशील प्राणियों की समृद्धि के लिए बुद्ध को समर्पित प्रार्थना की। प्रोफेसर डॉ. दीपिका चमोली शाही, सम्मेलन अध्यक्ष व संस्थापक स्पीकिंगक्यूब की निदेशक ने देवी शक्ति की प्रार्थना के साथ सत्र की शुरुआत की। डॉ. दीपिका ने स्पीकिंग क्यूब का संक्षिप्त परिचय दिया।उनके द्वारा मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए गए।
अध्यक्ष, स्पीकिंगक्यूब सलाहकार, अमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. रीता, सम्मेलन ने सम्मेलन के उद्देश्य और वर्तमान परिदृश्य में विषय की प्रासंगिकता पर चर्चा की। डॉ. रीता ने मनोवैज्ञानिक मुद्दों, हस्तक्षेप और प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए।
कैलिफ़ोर्निया, यूएसए में एकेडमी ऑफ माइंडफुल साइकोलॉजी के संस्थापक और अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. नील कोब्रिन, सम्मानित अतिथि, ने वर्तमान समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और आत्म-जागरूकता कैसे मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है, इस पर चर्चा की।
पद्मश्री और पद्म भूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, प्राप्तकर्ता तथा सम्मेलन के संरक्षक ने वर्तमान समय में मनोवैज्ञानिक मुद्दों को समझने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से हमारी सोशल मीडिया की लत के संदर्भ में बात रखी।
डॉ. बृज मोहन शर्मा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल एक व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा भी है, जिसे सभी क्षेत्रों से सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इस सम्मेलन ने यह भी दिखाया कि इस क्षेत्र में नवीनतम विकास के साथ अपडेट रहना कितना महत्वपूर्ण है, खासकर जब हम एक अधिक आपस में जुड़े और डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं। 6वां अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन एक उत्कृष्ट मंच था, जो सहयोग को बढ़ावा देने और मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान और अभ्यास की सीमाओं को चुनौती देने के लिए आदर्श था।
माननीय कुलपति (राज्य विश्वविद्यालय उत्तराखंड) प्रो. एन.के. जोशी, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के, सम्मानित अतिथि ने सभा को अपना संदेश साझा किया।
राज्य मंत्री श्रीमती मधु भट्ट, सम्मेलन की मुख्य अतिथि ने भावनात्मक कल्याण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। श्रीमती मधु भट्ट ने मानसिक स्वास्थ्य को अधिक से अधिक संबोधित करने की आवश्यकता पर चर्चा की। माननीय राज्य मंत्री ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 15 विशेषज्ञों को सम्मानित किया।
सम्मेलन में अन्य प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे:-
डॉ. रोहित कमांडेंट मेडिकल, बीएसएफ।
प्रोफेसर डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा डीन बोटनी, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय।
प्रो. डॉ. रूपाली शर्मा, प्रोफेसर आई ए पी एस, अमिटी नोएडा।
प्रो. डॉ. नवेद इकबाल, मनोविज्ञान विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय।
प्रो. डॉ. लोब्जांग त्सुलट्रीम भूटिया, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट तिब्बती बौद्ध धर्म, सी आई बी एस, लद्दाख।
श्रीमती शिखा चमोली, डेटा इंजीनियर, एक्स मेटा।
डॉ. खेनपो रंगडोल, अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय ड्रिक्यंग काग्यु फाउंडेशन।
प्रो. डॉ. पद्मा पिल्लई, एसोसिएट डीन मानव संचार, सनवे यूनिवर्सिटी, मलेशिया।
प्रो. डॉ. आशा मिश्रा, जूलॉजी विभाग एचआरपीजी कॉलेज, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय।
प्रो. डॉ. अनीता गहलोत डीन रिसर्च एंड इनोवेशन, उत्तरांचल विश्वविद्यालय
प्रो. डॉ. गीता राणा, स्वामी राम विश्वविद्यालय।
प्रो. डॉ. विजय सेन पांडेय सी.एम कॉलेज, दरभंगा
डॉ. स्टंजिन नामगैल, लद्दाख विश्वविद्यालय।
प्रो. सुनील जागलान, एम डी यू,।
डॉ. रेणुका जोशी डीएवी पीजी कॉलेज केंद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल।
डॉ. सुरेंद्र ढालवाल, एचओडी, मनोविज्ञान एनआईवीएच और डॉ. सारन्या सुंदराजू, मनो-ऑन्कोलॉजिस्ट को उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
रितेश सिन्हा ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट यूएसए के प्रमुख सलाहकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में सभा को जानकारी दी। प्रो. डॉ. शालिनी सिंह शर्मा, ईग्रो रिसर्च प्रमुख, सम्मेलन सलाहकार ने जीवन में व्यवहारिक विज्ञान के महत्व पर चर्चा की।
डीआई विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर प्रो. डॉ. अभा सिंह, मुख्य वक्ता और एस ने सभा को अपना संदेश साझा किया।
अनुसंधान एवं नवाचार निदेशक प्रो. डॉ. राजेश सिंह, मुख्य वक्ता और ने मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचारों पर चर्चा की और मानसिक स्वास्थ्य नवाचार में विभिन्न तरीकों को साझा किया।
अध्यक्ष और श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के बोटनी विभाग के डीन एवं एचओडी प्रो. डॉ. गुलशन कुमार ढींगरा, कार्यक्रम ने सभा को अंतःविषय अनुसंधानों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा प्रो. डॉ. हरप्रीत भाटिया, प्रतिष्ठित वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग, प्रो. डॉ. रूपाली शर्मा ए एआई पी एस अमिटी नोएडा, प्रो. डॉ. दोंठू राज किरण एन आर आई अकादमी ऑफ साइंसेज मंगलागिरी एपी ने अपने अपने विचार साझा किए।
दूसरा दिन सत्र का आरंभ स्नेहा भारद्वाज द्वारा किया गया जो स्पीकिंगक्यूब की मनोवैज्ञानिक हैं। सत्र को शिखा चमोली सिन्हा ने आगे बढ़ाया, जो पूर्व मेटा डेटा इंजीनियर हैं (यूएसए)।इनके द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और इसके सोशल मीडिया से संबंध तथा ए आई कैसे एक अच्छा सहायक हो सकता है इस पर चर्चा की।डॉक्टर सारन्या सुंदराराजू जो एक मनो-ऑन्कोलॉजिस्ट हैं और एन आई आई टी यूनिवर्सिटी मलेशिया से पोस्ट डॉक्टोरल उम्मीदवार हैं उन्होंने कैंसर रोगियों के लिए गरिमा चिकित्सा पर चर्चा की।
श्रीमती सुजाता ने मिस दृष्टि सिंह, मिस सृष्टि सिंह, मिस दिशा रॉय, मिस अनन्या आर जंग, स्नेहा भारद्वाज, काजल तोमर,अलिस जायसवाल, जस्मन शेर सिंह, मालविना चानाम, अलका व आबिदा वाणी का सम्मान किया। मेजर अनुपा कैरी ने पेरिनेटल मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग में चिकित्सीय दृष्टिकोणों पर चर्चा की। प्रो. डॉ. निधि वर्मा अमिटी गुरुग्राम से मनोविज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में व्यक्तित्व को पूर्वाग्रह कारकों के रूप में साझा किया। प्रो. डॉ. नदीम लुकमान चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से एसोसिएट प्रो. हैं जिन्होंने मनोविज्ञान में अनुसंधान के महत्व पर चर्चा की।
स्पीकिंगक्यूब की संस्थापक एवं एवं सेंट लियो यूनिवर्सिटी (ऑनलाइन) में सहायक फैकल्टी हैं निदेशक प्रो. डॉ. दीपिका चमोली शाही तथा उन्होंने प्रतिभागियों के साथ हालिया मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेपों पर प्रश्न उत्तर सत्र आयोजित किया।
समापन सत्र में मिस सुजाता पॉल ने सभा को संबोधित करते हुए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व बताया तथा क्रिएटिव टीम एवं पूर्व सदस्यों का सम्मान किया जिन्होंने अतीत में योगदान दिया था।
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खबर 06
नपा परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला की अध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने किया अनन्या पब्लिक स्कूल में ऑर्ट एंड क्रॉफ्ट प्रदर्शनी का शुभारंभ
प्रदर्शनकारी में जूनियर एवं सीनियर वर्ग में क्रमशः इहिका गर्ग व प्रांजल रयाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
ऋषिकेश, 31 मार्च 2025: रेलवे रोड स्थित अनन्या पब्लिक स्कूल में जूनियर व सीनियर वर्ग की ऑर्ट एंड क्रॉफ्ट प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें जूनियर वर्ग में इहिका गर्ग और सीनियर वर्ग में प्रांजल रयाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
सोमवार को रेलवे स्थित अनन्या पब्लिक स्कूल में ऑर्ट एंड क्रॉफ्ट प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला की अध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इसके बाद मुख्य अतिथि ने स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई ऑर्ट एंड क्रॉफ्ट प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं द्वारा सेव अर्थ, जल संचय, सेव फॉरेस्ट, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आदि विषयों पर बनाई गई कलाकृतियों की जमकर सराहना की। प्रदर्शनी में जूनियर वर्ग से इहिका गर्ग ने प्रथम, जीवा ने द्वितीय और प्रकृति, अन्वी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सीनियर वर्ग में प्रांजल रयाल ने प्रथम, दक्ष ने द्वितीय और तन्वी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। समस्त विजेताओं को मुख्य अतिथि ने पुरस्कृत कर सम्मानित किया।
इस दौरान अनन्या पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या संतोष गौड, अध्यापिका वंदना सेमवाल, सुषमा मिश्रा, शीतल, आरती, पूनम आदि उपस्थित थे।
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खबर 07
दो नेत्रहीनों के अंधेरे जीवन को मिलेगी रोशनी, स्वर्गवास के बाद की लाल चड्ढा की आंखे दान
ऋषिकेश, 29 मार्च 2025: शनिवार 29 मार्च को स्वर्गीय लाल चड्ढा (67 वर्ष), तिलक रोड ऋषिकेश निवासी का निधन हो गया। उनके बेटे आशु चड्ढा ने अपने पिता की आँखें दान करने के लिए निर्मल आश्रम आई इंस्टिट्यूट के आत्म प्रकाश (बाबु जी ) को सूचित किया। संस्थान टीम (डॉ. शिवाली व श्री मकरेंदु) ने दिवंगत के निवास पर जाकर कॉर्निया प्राप्त किया। उस वक़्त ब्रजेश व परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
इस नेत्रदान के जरिये दो लोग इस सुन्दर संसार को देख पाएंगे। निर्मल आश्रम आई इंस्टिट्यूट प्रशासन ने परिवार की नेत्रदान सेवा भावना की प्रशंसा की। जिससे की इस नेत्रदान से समाज को प्रेरणा मिलेगी।
नेत्रदान के लिए आवश्यक बातें:-
1. मृत्यु के 6 घंटेके अंदर आंखें दान कर देनी चाहिए।
2. मृतक की आँखे बंद करके उसके ऊपर गीली रुई रख देनी चाहिए।
3. पंखा बंद कर दें ऐ. सी. हो तो चलने दें।
4. सिर के नीचे तकिया रख दें।
नेत्रदान करने के लिए संपर्क कर सकतें हैं |
+91-9837607526
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