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खबर-1
चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर आयुक्त गढ़वाल मंडल की अध्यक्षता में हुई बैठक
ऋषिकेश, 05 फरवरी 2025: आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप कार्यालय ऋषिकेश में वर्ष 2025 की चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई। इस दौरान सचिव लो.नि.वि. पंकज पाण्डेय ने वर्चुअल के माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।
आयुक्त गढ़वाल ने चारधाम यात्रा को सुगम, सुरक्षित, सुविधाजनक बनाने हेतु सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध पूर्ण करने तथा यात्रा रूट की सड़कों को चाक चौबन्ध करने, पार्किंग क्षमता बढाने, पैदल मार्ग का सुधारीकरण, स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाएं, हेली सर्विस व अन्य सुगम सुविधा पर अभी से कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
गढ़वाल आयुक्त ने अवगत कराया गया कि 04 मई 2025 से श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं, साथ ही माह में अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे तथा 26 फरवरी 2025 को शिवरात्रि के दिन श्री केदारनाथ धाम के कपाट की तिथि एवं मुहर्त निकलेगा। तदोपरान्त चारधाम यात्रा प्रारम्भ हो जाएगी। चारधाम यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व यात्रा सम्बन्धी धामों एवं यात्रा मार्गों में अवस्थापना समबन्धी समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं यथा पेयजल, चिकित्सा, परिवहन, खाद्यान, पुलिस, सफाई व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, दूरसंचार व्यवस्था, हेलीसर्विस व्यवस्था, आपदा कन्ट्रोल रूम को 24 घन्टे खुले रहने की सुचारू व्यवस्था रखने के लिए सम्बन्धित जिलों के जिलाधिकारियों एवं विभागो के प्रमुख अधिकारियों को अभी से तैयारियों करने के लिए निर्देशित किया गया।
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खबर-2
मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने एसडीएम सहित पुलिस अधिकारियों के साथ की बैठक, अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए दिए कड़े कदम उठाने के निर्देश
ऋषिकेश, 05 फरवरी 2025: क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने उपजिलाधिकारी सहित पुलिस अधिकारियों की अहम विषयों पर बैठक ली। बैठक में स्पष्ट तौर पर अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए। साथ ही आए दिनों चोरी की वारदात पर काबू पाने तथा पुलिस गश्त बढ़ाने सहित अन्य विषयों पर भी निर्देश दिए।
बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में मंत्री डॉ. अग्रवाल ने कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को लताड़ा। उन्होंने कहा कि पूरे शहर में अवैध शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है। यहां तक की होम डिलीवरी के माध्यम से भी शराब पहुंचाई जा रही है। जिसके चलते तीर्थनगरी का माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा इस पर जल्द कड़ी कार्यवाही की जाएं।
बैठक में मंत्री डॉ. अग्रवाल ने यातायात को लेकर भी वार्ता की। कहा कि आए दिए जाम लगने से स्थानीय के साथ पर्यटकों, श्रद्धालुओं को समस्याएं हो रही हैं, जिससे पर्यटन को नुकसान के साथ प्रशासन की कार्यशैली पर भी प्रश्न खड़े हो रहे हैं। उन्होंने यातायात व्यवस्था सुधारने को उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया।
बैठक में गुमानीवाला, श्यामपुर, गंगानगर आदि क्षेत्रों में हाल ही में हुई चोरियों का भी विषय आया। जिस पर मंत्री डॉ. अग्रवाल ने पुलिस को गश्त की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। कहा कि रात्रिकाल में हो रही चोरियों पर पुलिस की गश्त न होने से चोरों के हौसले बुलंद है, कहा कि पुलिस चाहे तो चोर सपने में भी चोरी की घटना को अंजाम न दें।
बैठक में आस्था पथ की मर्यादा को खराब करने का विषय भी आया। जिस पर मंत्री डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आस्था पथ पर मनचलों की संख्या दिनोदिन बढ़ रही है, अश्लील हरकतें करने वाले बड़े बुजुर्गों की परवाह किए बगैर वहां घटना को अंजाम देते है। उन्होंने कहा कि आस्था पथ से ऐसे लोगों को हटाया जाना चाहिए। जिससे सभी वर्ग के लोग वहां सुरक्षित महसूस करते हुए मर्यादित माहौल में आवागमन कर सकें।
बैठक में उप जिलाधिकारी स्मृता परमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी संदीप नेगी, प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश कोतवाली आरएस खोलिया, तहसीलदार सुरेंद्र सिंह मौजूद थे।
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खबर-3
उत्तराखंड वन विभाग के वनाधिकारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण पीटीसी में शुरू
ऋषिकेश, 05 फरवरी 2025: उत्तराखंड वन विभाग के वनाधिकारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण पीटीसी में प्रारंभ।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं पुलिस मुख्यालय के आदेशों के अनुपालन में व मुख्य वन संरक्षक/निदेशक, निदेशक उत्तराखण्ड वानिकी प्रशिक्षण अकादमी हल्द्वानी श्रीमती तेजस्विनी अरविंद पाटिल एवं उपनिदेशक सूरज तिवारी की पहल पर पुलिस उपमहानिरीक्षक/निदेशक, पीटीसी ददन पाल (आईपीएस) के कुशल निर्देशन में पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, नरेन्द्रनगर, टि.ग. में उत्तराखण्ड वन विभाग में कार्यरत वनाधिकारियों हेतु नए आपराधिक कानून-भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (BSA), हथियार प्रशिक्षण, जाॅच प्रक्रिया, कानून प्रवर्तन, मुखबिरी तंत्र, विधि, फारेंसिक साईंस एवं क्रिमिनोलाॅजी आदि विषयक 03 दिवसीय गहन प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया।
इस प्रशिक्षण में उत्तराखण्ड वन विभाग के 21 उप-प्रभागीय अधिकारियों (एसडीओ/एसीएफ) द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों को अतिथि व्याख्याता के रूप में आमंत्रित कर नये आपराधिक कानूनों, फाॅरेन्सिक, अपराध शास्त्र आदि के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया। जिससे वन विभाग के अधिकारियों को अपने कर्तव्य निर्वहन व नये कानूनों के सफल क्रियान्वयन में प्रभावी सहायता मिलेगी।
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खबर-4
मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा वर्षा जल संचयन इकाई का उद्घाटन
ऋषिकेश, 05 फरवरी 2025: पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के द्वारा वर्षा जल संचयन इकाई (Rain Water Harvesting Unit) का श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी, कुलसचिव दिनेश चन्द्रा, ऋषिकेश परिसर के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के समन्वयक व डीन विज्ञान संकाय प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा संयुक्त रूप से रिबन काट कर उद्घाटन किया गया।
अवसर पर मा. कुलपति प्रो. जोशी ने कहा कि वर्षा जल संचयन का वर्तमान दौर में अत्यंत आवश्यक है, जिस प्रकार भूजल स्तर घट रहा है आने वाले समय मे पानी के लिए सबको तरसना पड़ेगा, यदि आज जल का संचय नही किया गया तो भविष्य में हमारी पीढ़ी को जल खरीद कर गुजारा करना पड़ेगा।
कुलपति, दिनेश चन्द्रा ने बताया कि वर्षा जल संचयन एक प्रक्रिया है, जिसमें वर्षा के पानी को एकत्रित कर उसे संग्रहित किया जाता है, ताकि बाद में उसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सके। इस प्रक्रिया में छतों या अन्य सतहों से वर्षा का पानी एकत्र किया जाता है, उसे छानकर और साफ करके टैंकों या अन्य पात्रों में संग्रहित किया जाता है।
परिसर निदेशक, प्रो. रावत ने कहा कि वर्षा जल संचयन एक पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ तरीका है, जो जल संरक्षण में मदद करता है, भूजल आपूर्ति पर निर्भरता को कम करता है और खासकर उन क्षेत्रों में उपयोगी है जहाँ जल संकट या सूखा होता है। संग्रहित वर्षा जल का उपयोग कृषि, बागवानी, घरेलू कार्यों (जैसे कपड़े धोना, शौचालय) और शुद्धिकरण के बाद पीने के लिए भी किया जा सकता है। इस परिसर में आने वाले समय में अनेक वर्षा जल संचयन इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
मेडिकल लब टेक्नोलॉजी विभाग के समन्वयक प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा ने कहा कि इस रेनवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट में 4000 लीटर जल का शुद्धिकरण कर उपयोग में लाया जा सकता है एवं अन्य जल को भूमि रिचार्ज करने में उपयोग किया जाएगा इससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और वर्षा के पानी के अधिक बहाव से होने वाले बाढ़ या जल प्रदूषण को भी रोका जा सकता है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं, कर्मचारी व प्राध्यापकों को जल संचयन की अनेकों विधियां बताई व जल संरक्षण पर जोर दिया।
इस मौके पर प्रो वी के श्रीवास्तव, डॉ एस के कुड़ियल, डॉ अंजनी कुमार दुबे, प्रो वीडी पांडे, शालिनी कोटियाल, सफिया हसन, अर्जुन पालीवाल, देवेंद्र, निशांत आदि मौजूद रहे।
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