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खबर1
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को 17वें प्रकाशमय एनर्टिया पुरस्कार-2024 "भारत की सर्वश्रेष्ठ जलविद्युत परियोजना उद्यम" से सम्मानित किया गया
ऋषिकेश, 30 दिसंबर 2024: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल), सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी उद्यम को 17वें प्रकाशमय एनर्टिया पुरस्कार 2024 "भारत की सर्वश्रेष्ठ जलविद्युत परियोजना उद्यम (भंडारण जलविद्युत एवं पीएसपी का विकास ) " का विजेता चुना गया। भारत और दक्षिण एशिया का यह प्रमुख पुरस्कार सतत ऊर्जा, बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा में उत्कृष्टता के लिए प्रदान किया जाता है।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित एक भव्य समारोह में सीईए के अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद और भारतीय विद्युत क्षेत्र के प्रसिद्ध विशेषज्ञों की उपस्थिति में प्रदान किया गया।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर. के. विश्नोई ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए समग्र टीम को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि यह पुरस्कार टीएचडीसीआईएल टीम के सामूहिक प्रयासों का ही प्रमाण है और टिकाऊ ऊर्जा समाधान के प्रति कंपनी की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्होंने 1000 मेगावाट टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) में उपयोग की जा रही अत्याधुनिक तकनीक पर भी प्रकाश डाला। श्री विश्नोई ने आगे कहा कि यह सम्मान टीएचडीसीआईएल द्वारा अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने और जलविद्युत क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने में की गई महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।
इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक) श्री शैलेन्द्र सिंह ने इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी अटूट प्रतिबद्धता, सामूहिक प्रयास और सतत ऊर्जा में टीएचडीसीआईएल की उत्कृष्टता की निरंतरता का एक प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि सतत भविष्य के लिए अभिनव, हरित ऊर्जा समाधान प्रदान करने के कंपनी के मिशन को आगे बढ़ाने में टीएचडीसी आईएल में कार्यरत प्रत्येक व्यक्ति के समर्पण को दर्शाती है। निदेशक (तकनीकी) श्री भूपेन्द्र गुप्ता ने कमीशन की गई परियोजनाओं के संचालन के दौरान तकनीकी चुनौतियों पर सफलता प्राप्त करने एवं विशेष रूप से ग्रिड के लिए भारत की पहली वैरिएबल-स्पीड पीएसपी इकाई के सफल सिंक्रनाइज़ेशन के लिए समग्र टीम की सराहना की। साथ ही निदेशक (वित्त) श्री सिपन कुमार गर्ग ने भी पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान टीएचडीसीआईएल की सतत ऊर्जा के विकास तथा हरित भविष्य के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र श्री एल.पी. जोशी, कार्यकारी निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) को प्रदान किया गया। श्री जोशी ने आभार व्यक्त करते हुए टिहरी पावर कॉम्प्लेक्स टीम की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने टिहरी एचपीपी (250 मेगावाट x 4), कोटेश्वर एचईपी (100 मेगावाट x 4) के संचालन में उनकी सफलता और 19 नवंबर, 2024 को ग्रिड के साथ भारत की पहली वैरिएबल-स्पीड पीएसपी इकाई को सिंक्रोनाइज़ करने की ऐतिहासिक उपलब्धि का भी उल्लेख किया।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से यह पुरस्कार श्री सी. एस. राणा, सहायक महाप्रबंधक (टिहरी पीएसपी) और श्री आशीष ममगाई, उप महाप्रबंधक (टिहरी पीएसपी) ने ग्रहण किया। इस पुरस्कार समारोह में टीएचडीसीआईएल की टीम ने टिहरी पीएसपी परियोजना का अवलोकन प्रस्तुत किया।
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खबर2
जल्द ही मिलेगी बखरियाना वार्ड को सड़क की सौगात,
ग्रामीणों ने किया अनुसूचित जाति आयोग का धन्यवाद
नरेंद्रनगर, 31 दिसंबर 2024: देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी अनुसूचित जाति बस्ती बखरियाना नगर पालिका परिषद के वार्ड संख्या 6 नरेंद्र नगर टिहरी गढ़वाल में मोटर मार्ग अभी तक नहीं है। इसी के संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं समाजसेवी सूरत सिंह आर्य ने उत्तराखंड अनुसूचित आयोग में जाकर वार्ता के पश्चात रोड को स्पेशल कंपोनेंट प्लांन में शामिल करने का प्रस्ताव उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग के समछ रखा जिस पर आयोग ने तुरंत संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल को निर्देशित किया गया है कि उक्त मोटर मार्ग का निर्माण स्पेशल कंपोनेंट प्लान के अंतर्गत करना सुनिश्चित करें उक्त अनुसूचित जाति आयोग के इस निर्णय पर समस्त ग्रामीणों ने खुशी व्यक्त करते हुए आयोग का आभार व्यक्त किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की मांग को लेकर समय-समय पर नगर पालिका परिषद की वार्ड संख्या 6 एवं समीपवर्ती गांव के लोग कई बार प्रशासन से भी मिले हैं । उक्त के संबंध में लोकसभा चुनाव से पूर्व ग्रामीणों का द्वारा एक बड़ा आंदोलन भी किया गया था लेकिन उन्हें उक्त मामले में अभी तक प्रशासन से कोई भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। लेकिन अनुसूचित जाति आयोग के द्वारा उनकी मांग को लेकर जो त्वरित कार्रवाई की गई इससे ग्रामीण में उत्साह है। भविष्य में अगर इस सड़क का निर्माण होता है तो समीपवर्ती गांव डौर, तलाई,ओणी होद, गुजराडा,कोडारना के सभी ग्रामीणों को भी इसका लाभ मिलेगा।
उक्त सड़क के संबंध में आज सूरत सिंह आर्य जी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर से मिला जिस पर अधिशासी अभियंता विजय कुमार मोगा के द्वारा आश्वासन दिया गया कि उक्त मोटर मार्ग के संबंध में कनिष्ठ अभियंता को स्टीमेट बनाने हेतु निर्देशित कर दिया गया है तथा 10 जनवरी तक इसकी डीपीआर गठित कर शासन को भेज दी जाएगी। साथ ही ग्रामीणों की मांग पर पूर्व में 500 मी रोड जो बनी है उक्त रोड पर कतिपई स्थान पर हूंम पाइप लगाने की मांग की गई है उसको भी यथाशीघ्र यथास्थान स्थापित किया जाएगा। विभाग द्वारा आश्वासन देने के पश्चात ग्रामीणों ने अधिशासी अभियंता का भी धन्यवाद दिया ।
इस प्रतिनिधि मंडल में सूरत सिंह आर्य के साथ ग्राम सभा डोर के प्रधान विक्रम केतुरा, राजेंद्र नेगी, राजू गुसाई, प्रेम सिंह पुंडीर,जगवीर सिंह, मस्तराम,दीलिप कुमार, सुरेंद्र कोटवाल, विमला देवी, राकेश कुमार, सूरज, अनिल, सोनू, अमित, सुनील, धन सिंह नेगी, हरेंद्र नेगी उपस्थित थे।
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खबर3
'साई सृजन पटल' से सृजन और संस्कृति को नई ऊंचाई मिलेगी : प्रो. सुरेखा डंगवाल
देहरादून:, 31 दिसंबर 2024: दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने आज 'साई सृजन पटल' पत्रिका का विमोचन किया। यह पत्रिका पहले जारी किए गए न्यूज लैटर का उन्नत रूप है, जिसे चार माह पूर्व प्रारंभ किया गया था।प्रो. सुरेखा डंगवाल ने इस अवसर पर कहा कि "साहित्य और सृजनशीलता समाज के विचारों को दिशा देने का कार्य करती है। 'साई सृजन पटल' पत्रिका न केवल साहित्यिक अभिव्यक्ति का माध्यम है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास भी है। यह पत्रिका पाठकों के मन में विचारों के नए बीज बोएगी और उनकी सोच को विस्तार देगी।" यह न केवल एक पत्रिका है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिक समृद्धि को प्रतिबिंबित करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
इस पत्रिका के माध्यम से साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित हुई है। हमें विश्वास है कि 'साई सृजन पटल' अपनी सृजनशीलता और सामग्री की विविधता के साथ पाठकों के बीच अपनी अलग पहचान बनाएगी।
इस अवसर पर पत्रिका के संपादक प्रो. (डॉ.) के.एल. तलवाड़ ने बताया कि सहयोगी लेखकों, प्रबुद्ध पाठकों और संपादकीय टीम के समर्थन और परिश्रम से यह कार्य संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि सृजन और नवाचार जब मिलते हैं, तो एक नए युग की शुरुआत होती है। दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल द्वारा 'साई सृजन पटल' पत्रिका के विमोचन के साथ साहित्य, संस्कृति और सृजनशीलता का यह संगम और प्रखर हो उठा है। चार माह पूर्व एक न्यूज लेटर के रूप में शुरू हुई यह यात्रा आज एक पूर्ण पत्रिका के रूप में हमारे समक्ष है।यह पत्रिका न केवल लेखन कला को मंच प्रदान करती है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं, पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक पर्यटन को भी प्रमुखता से प्रस्तुत करती है।
यह न केवल सृजन की यात्रा का एक पड़ाव है, बल्कि भविष्य के लिए एक प्रेरणा भी है। विमोचन कार्यक्रम के दौरान पत्रिका के संपादक मंडल ने इसे एक सतत प्रयास बनाने का संकल्प लिया है ताकि इसकी गुणवत्ता और स्वरूप को बनाए रखा जा सके।विमोचन कार्यक्रम में पत्रिका के उप संपादक अंकित तिवारी , हेमंत हरुला, पल्लवी बिष्ट आदि मौजूद रहे।
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